लेखक परिचय, रचनाएँ, शब्दार्थ, स्पष्टीकरण
- Books Name
- Hindi ki pathshala HIndi Course B Book
- Publication
- Hindi ki pathshala
- Course
- CBSE Class 9
- Subject
- Hindi
पाठ -5
हामिद खां
एस.के.पोट्टेकाट (1913-1982)
लेखक परिचय
प्रस्तुत पाठ के लेखक एस. के. पोट्टेकाट जी हैं । इनका जीवनकाल 1913 से 1982 के मध्य रहा है। ये मलयालम के प्रसिद्ध कथाकार हैं | इनका पूरा नाम शंकरन कुट्टी पोट्टेकाट है ।
इन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करके साहित्य-सृजन में लग गए । इनकी कहानियों में किसान और मजदूरों की आह और वेदना का सजीव चित्रण हुआ है | एस. के. पोट्टेकाट ने जाति, धर्म और सम्प्रदाय से परे मानवीय सौहार्द को उभारने में सफलता अर्जित किए हैं। इनकी कहानियों व कथाओं में विश्वबंधुत्व और भाईचारे का संदेश मिलता है।
एस. के. पोट्टेकाट जी को साहित्य अकादमी तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । इनकी कहानियों का विश्व की विभिन्न भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है | इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं --- विषकन्या, प्रेम शिशु और मूडुपडम्...॥
पाठ प्रवेश
पाठ में लेखक को जब (पाकिस्तान) तक्षशिला में किन्हीं शरारती तत्वों के द्वारा आग लगाए जाने का समाचार मिलता है, तो लेखक वहाँ के अपने एक मित्र और उसकी दूकान की चिंता होने लगती है क्योंकि उस मित्र की दूकान तक्षशिला के काफी नजदीक थी।
इस पाठ में लेखक अपने उस अनुभव को हम सभी के साथ साँझा कर रहा है जब वह (पाकिस्तान) तक्षशिला के खण्डरों को देखने गया था और भूख और कड़कड़ाती धूप से बचने के लिए कोई होटल खोज रहा था। होटल को खोजते हुए लेखक जब हामिद खाँ नाम के व्यक्ति की दूकान में कुछ खाने के लिए रुकता है तो जो भी वहाँ घटा लेखक ने उसे एक लेख के रूप में हमारे सामने प्रस्तुत किया है।
शब्दार्थ
- आगजनी – उपद्रवियों या दंगाइयों द्वारा आग लगाना
- पौराणिक – प्राचीन काल की
- हस्तरेखाएँ - हथेलियों में बनीं रेखाएँ
- सहज - स्वाभाविक
- अलमस्त – मस्त
- सोंधी – सिंकने के कारण आती अच्छी सुगंध
- तंग – सँकरा
- बदबू – दुर्गंध
- अधेड़ – ढलती उम्र का
- सालन – गोश्त या सब्जी का मसालेदार शोरबा
- बेतरतीब - बिना किसी तरीके के दढ़ियल दाढ़ी वाला
- जहान – दुनिया
- बेखटके - बिना संकोच के
- फख्र – गर्व
- आतताइयों – अत्याचार करने वालों
- नियति – भाग्य
- पश्तो – एक प्राचीन भाषा
- क्षुधा – भूख