लेखिका परिचय, रचनाएँ, शब्दार्थ, स्पष्टीकरण

पाठ - 1

गिल्लू

महादेवी वर्मा (1907-1987)

लेखिका परिचय

छायावादी कविता के मुख्य निपुणों में से एक महादेवी वर्मा भी है। आधुनिक मीरा के रूप में महादेवी जी को जाना जाता है, उन्हें ज्ञानपीठ और साहित्य अकादमी पुरस्कारों जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
लेखिका
के जीवन की एक रोचक बात यह थी कि उनको जानवरों से बहुत प्रेम था। पशु क्रूरता के खिलाफ एक मजबूत अधिवक्ता होने के नाते, अपने पालतू जानवरों पर कहानियों की एक विशाल पुस्तक लिखी जिसने अप्रत्याशित रूप से उनके जीवन में कदम रखा।

पाठ प्रवेश

इस पाठ में लेखिका ने अपने जीवन के एक अनुभव को हमारे साथ साझा किया है। यहाँ लेखिका ने अपने जीवन के उस पड़ाव का वर्णन किया है, जहाँ उन्होंने एक गिलहरी के बच्चे को कौवों से बचाया था और उसे अपने घर में रखा था।इस पाठ में लेखिका महादेवी वर्मा का एक छोटे, चंचल जीव गिलहरी के प्रति प्रेम झलकता है। उन्होंने इस पाठ में उसके विभिन्न क्रियाकलापों और लेखिका के प्रति उसके प्रेम से हमें अवगत कराया है। लेखिका ने उस गिलहरी के बच्चे का नाम गिल्लू रखा था। लेखिका ने जो भी समय गिल्लू के साथ बिताया, उसका वर्णन इस पाठ में किया है। गिलहरियों के जीवन की अवधि लगभग दो वर्ष की होती है। लेखिका ने गिल्लू के अंत समय का हृदय- विदारक चित्र अपने शब्दों के माध्यम से खींचा है।

शब्दार्थ

•    सोनजुही - एक प्रकार के फूल
•    अनायास – अचानक
•    हरीतिमा - हरियाली 
•    लघुप्राण – छोटा जीव
•    छुआ-छुऔवल - चुपके से छूकर छुप और फिर छूना
•    काकभुशुंडि -   एक रामभक्त ब्राह्मण जो लोमश ऋषि के शाप से कौआ हो गए
•    समादरित -   विशेष आदर 
•    अनादरित -  बिना आदर के
•    अवतीर्ण -   प्रकट
•    कर्कश -    कटु
•    काकद्वय - दो कौए 

•    निश्चेष्ट –  बिना किसी हरकत के
•    स्निग्ध –  चिकना
•    लघुगात – छोटा शरीर
•    परिचारिका – सेविका
•    उष्णता – गर्मी।