लेखक परिचय, रचनाएँ, शब्दार्थ, स्पष्टीकरण
- Books Name
- Hindi ki pathshala HIndi Course B Book
- Publication
- Hindi ki pathshala
- Course
- CBSE Class 9
- Subject
- Hindi
पाठ - 4
मेरा छोटा सा निजी पुस्तकालय
धर्मवीर भारती (1926-1997)
लेखक परिचय
प्रस्तुत पाठ के लेखक धर्मवीर भारती जी हैं। इनका जीवनकाल 1926 से 1997 के मध्य रहा |धर्मवीर जी बहुचर्चित लेखक एवं संपादक रहे हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी धर्मवीर भारती की लेखनी ने कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध, आलोचना, अनुवाद, रिपोर्ताज इत्यादि अनेक विद्याओं द्वारा हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया है। इनका नाम कई महत्वपूर्ण पत्रिकाओं से जुड़ा, परन्तु अंत में इन्होंने ‘धर्मयुग’ के संपादक के रूप में गंभीर पत्रकारिता का एक मानक निर्धारित किया है|
इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं मेरी वाणी गैरिक वसना, --- साँस की कलम से, कनुप्रिया, सात गीत-वर्ष, सपना अभी भी, ठंडा लोहा, सूरज का सातवाँ घोड़ा, बंद गली का आखिरी मकान, कहनी-अनकहनी, पश्यंती, शब्दिता, अंधा युग, मानव-मूल्य और साहित्य तथा गुनाहों का देवता लेखक धर्मवीर भारती जी पद्मश्री की उपाधि के साथ ही व्यास सम्मान एवं अन्य कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से अलंकृत हुए हैं|
पाठ -प्रवेश
“मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय” पाठ में लेखक अपने बारे में बताता हुआ कहता है कि उसने किस तरह से पुस्तकालय की पहली पुस्तक से ले कर एक बड़ा पुस्तकालय तैयार किया। उसे कैसे पुस्तकों को पढ़ने का शौक जागेगा और फिर किस तरह उन किताबों को इकट्ठा करने का शौक जगा? अपनी पहली पुस्तक लेखक ने किस परिस्थिति में खरीदी? लेखक ने अपने ऑपरेशन के बाद अपने पुस्तकालय में ही रहने का निश्चय क्यों किया? इन सभी के बारे में लेखक ने इस पाठ में बताया है।
शब्दार्थ
- अवरोध - रुकावट
- विशेषज्ञ - जानकार
- संकलन - इकट्ठे करना
- शिद्दत - कठिनाई
- आह्वान - पुकार, बुलावा
- आर्थिक - रूपए पैसे संबंधी
- नियमित - हर रोज
- चाट - आदत
- रोचक - मनोरंजक
- सुसज्जित - सज्जी हुई
- तत्कालीन - उस समय का
- पाखंड - ढोंग
- अदम्य - जिसे दबाया न जा सके, अद्भुत प्रतिमाएँ -मूर्तियाँ
- रूढ़ियाँ - प्रथाएँ