CHAPTER 4

अधिक बलवान कौन? 

 कहानी का सारांश 

एक बार हवा और सूरज में बहस छिड़ गई। हवा ने सूरज से कहा- मैं तुमसे अधिक बलवान हूँ। सूरज ने हवा से कहा-मुझमें तुमसे ज्यादा ताकत है। इतने में हवा की नज़र एक आदमी पर पड़ी। हवा ने कहा-इस तरह बहस करने से कोई फ़ायदा नहीं है। जो इस आदमी का कोट उतरवा दे, वही ज्यादा बलवान है।
सूरज
हवा की बात मान गया। उसने कहा-ठीक है। दिखाओ अपनी ताकत। हवा ने अपनी ताकत दिखानी। शुरू की। आदमी की टोपी उड़ गई। कोट उसने अपने दोनों हाथों से शरीर से लपेटे रखा और जल्दी-जल्दी कोट के बटन बंद कर लिए। हवा और ज़ोर से चलने लगी। अंत में आदमी नीचे ही गिर पड़ा, पर कोट उसके शरीर पर ही रहा। अब हवा थक गई थी।
सूरज
ने कहा- हवा, अब तुम मेरी ताकत देखो। सूरज तपने लगा। आदमी ने कोट के बटन खोल दिए। सूरज की गर्मी और बढ़ी। आदमी ने कोट उतार दिया और उसे हाथ में लेकर चलने लगा। सूरज ने कहा-देखी मेरी ताकत? उतरवा दिया कोट? हवा ने सूरज को नमस्कार किया और कहा-मान गई तुम्हारी ताकत को।

 शब्दार्थ  : बहस तर्क। वादविवाद। नज़र दृष्टि, निगाह। बलवान शक्तिशाली, ताकतवर। तपन जलन।