CHAPTER 11
टेसू राजा बीच बाज़ार 

कविता का सारांश
निरंकार देव ‘सेवक’ द्वारा रचित कविता ‘टेसू राजा बीच बाजार’ एक लोकगीत पर आधारित कविता है। इस कविता में टेसू राजा बाजार में अनार ले रहे हैं। वे प्रश्न करते हैं कि अनार में कितने दानें हैं, तो उन्हें उत्तर मिलता है कि जितने कंबल में खाने हैं। तब कंबल में कितने खाने हैं, इसको भला भेड़ क्यों बताने लगी? एक झुंड में उतनी ही भेड़ें होती हैं, जितने कि एक पेड़ पर पत्ते। अब टेसू राजा प्रश्न करते हैं कि एक पेड़ पर कितने पत्ते होते हैं, तो इसका उत्तर मिलता है कि जितने गोपी के घर कपड़े। गोपी के घर उतने ही कपड़े हैं, जितने कलकत्ते में कुत्ते हैं। निष्कर्ष निकलता है कि कुल बीस लाख तेईस हजार दाने वाला एक अनार है। टेसू राजा कहते हैं कि मुझे भी चार अनार दे दो।

काव्यांशों की व्याख्या
टेसू राजा बीच बाजार,
खड़े हुए ले रहे अनार।

इस अनार में कितने दाने?
जितने हों कंबल में खाने।
कितने हैं कंबल में खाने?
भेड़ भला क्यूँ लगी बताने।

शब्दार्थ:   कंबल-ऊन का बना हुआ मोटा कपड़ा, जो ओढ़ने-बिछाने के काम आता है।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक रिमझिम भाग-2 में संकलित कविता ‘टेसू राजा बीच बाज़ार’ से ली गई हैं। इस कविता के कवि निरंकार देव ‘सेवक’ हैं। इसमें कवि ने बीच बाजार में अनार खरीदने पहुँचे टेसू राजा के विषय में बताया है।
व्याख्या – टेसू राजा बाजार में अनार लेने के लिए खड़े हैं। वे पूछते हैं कि इस अनार में कितने दाने हैं। उन्हें उत्तर मिलता है कि जितने कंबल में खाने होते हैं। अब एक कंबल में कितने खाने होते हैं, यह भला कोई भेड़ क्यों बताने लगी?
एक झुंड में भेड़े कितनी?
एक पेड़ पर पत्ती जितनी।    
एक पेड़ पर कितने पत्ते?

जितने गोपी के घर लत्ते।
गोपी के घर लत्ते कितने?
कलकत्ते में कुत्ते जितने।

शब्दार्थः झुंड-समूह। लत्ता-कपड़ा।

प्रसंग – पूर्ववत।।

व्याख्या – इन पंक्तियों में टेसू राजा प्रश्न करते हैं कि एक झुंड में कितनी भेड़ें होती हैं तो उन्हें उत्तर मिलता है कि एक पेड़ पर जितनी पत्तियाँ होती हैं, उतनी ही। अब पुनः टेसू राजा सवाल करते हैं कि एक पेड़ पर कितने पत्ते होते हैं, तो जवाब मिलता है कि जितने गोपी के घर कपड़े हैं। अब वे प्रश्न उठाते हैं। कि गोपी के घर कितने कपड़े हैं तो उन्हें उत्तर मिलता है कि जितने कलकत्ते में कुत्ते हैं।

बीस लाख तेईस हजार,    
दानेवाला एक अनार।

टेसू राजा कहें पुकार,
लाओ मुझको दे दो चार।

प्रसंग – पूर्ववत।

व्याख्या – टेसू राजा को इस बार जवाब मिलता है कि एक अनार बीस लाख तेईस हजार दाने वाला है। तब टेसू राजा कहते हैं कि मुझे चार अनार दे दो।