CHAPTER 21

हलीम चला चाँद पर 

 

कहानी का सारांश
हलीम नाम के एक लड़के को एक दिन चाँद पर जाने की इच्छा हुई। वह एक रॉकेट के कारखाने में बैठ गया। उसने एक रॉकेट लिया और रॉकेट पर बैठकर चाँद की तरफ़ चल पड़ा। रास्ते में चलते-चलते अँधेरा हो गया। अब हलीम को डर लगने लगा, क्योंकि उसे चाँद पर जाने के रास्ते का पता नहीं था। थोड़ी देर में उसने चाँद देखा और वह खुश हो गया। चाँद पर ढेर सारे बड़े-बड़े गड्ढे और बड़े-बड़े पहाड़ थे। लेकिन वहाँ कोई पेड़-पौधा, जानवर या मनुष्य नहीं था। हलीम को यह जगह बिलकुल ही पसंद नहीं आई और वह रॉकेट पर बैठकर अपने घर लौट आया।