CHAPTER 15

मैं भी… 

कहानी का सारांश
एक अंडे में से बत्तख का एक बच्चा निकला। उसने निकलकर कहा कि मैं बाहर गया। एक और अंडे में से मुर्गी का चूजा निकला। बाहर निकलकर उसने भी कहा कि मैं भी गया। अब बत्तख का बच्चा घूमने के लिए जाने लगा तो चूजा भी उसके साथ जाने को तैयार हो गया। बत्तख का बच्चा गड्ढा खोदने लगा तो उसके साथ-साथ चूजा भी गड्ढा खोदने लगा। बत्तख का बच्चा बोला कि मुझे एक केंचुआ मिला तो चूजे ने भी कहा कि मुझे भी एक केंचुआ मिला। अब बत्तख का बच्चा जब तितली पकड़ने लगा तो नकलची चूजा भी तितली पकड़ने लगा। बत्तख का बच्चा जब तैरने के लिए गया तो चूजे ने कहा कि वह भी तैरेगा। किंतु चूजा पानी में नहाने के लिए जाते ही डूबने लगा औरबचाओ-बचाओचिल्लाने लगा। तब बत्तख के बच्चे ने चूजे को बाहर निकाला।

शब्दार्थ : चूजा मुर्गी का बच्चा।
नकलची दूसरे की नकल करने वाला।