पाठ 11: अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

अर्थ के आधार पर वाक्य का तात्पर्य है, वाक्यों का वर्गीकरण अर्थ के आधार पर करना । इस प्रकार के वाक्यों को पहचानना बहुत ही आसान होता है। जिस प्रकार शब्द के अर्थ होते हैं, उसी प्रकार जब अर्थपूर्ण शब्दों को मिलाते है, तो हमें अर्थपूर्ण वाक्य की प्राप्ति होती है ।

अर्थ के आधार पर वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं-

  • विधानवाचक वाक्य
  • निषेधवाचक वाक्य
  • प्रश्नवाचक वाक्य
  • विस्मयादिवाचक वाक्य
  • आज्ञा वाचक वाक्य
  • इच्छा वाचक वाक्य
  • संदेह वाचक वाक्य
  • संकेतवाचक वाचक

विधानवाचक वाक्य-

जिन वाक्यों से किसी क्रिया के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती है उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण-

  • मैं कल दिल्ली गया था।
  • हम स्नान करके।
  • सूर्य पश्चिम में डूबता है।

निषेधवाचक वाक्य

जिन वाक्यों से किसी कार्य की निषेध या ना होने का बोध होता हो उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं इस तरह के वाक्य को नकारात्मक वाक्य भी कहा जाता है।

उदाहरण-

  • माला नहीं नाचेगी।
  • श्याम आज नहीं पड़ेगा।
  • मोहन के अध्यापक ने कक्षा नहीं ली।

प्रश्न वाचक वाक्य

जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाए अर्थात किसी से कोई बात पूछी जाए उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहती है।

उदाहरण-

  • तुम पढ़ने कब जाओगे?
  • तुम्हारा घर कहां है?
  • क्या तुम खेलोगे?

विस्मयादिबोधक वाक्य

जिन वाक्यों से आश्चर्य, शोक, हर्ष, और घृणा के भाव व्यक्त हों उन्हे विस्मयादिबोधक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण -

  • अरे! इतनी लंबी रेलगाड़ी
  • आह! बड़ा अनर्थ हो गया।
  • कैसा! सुंदर दृश्य।

आज्ञावाचक वाक्य

जिन वाक्यों से आज्ञा या अनुमति देने का बोध हो, उन्हें आज्ञा वाचक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण

  • अपना-अपना काम करो।
  • आप जा सकते हैं।
  • आप खाना खा लो।
  • चुप रहिए।

इच्छावाचक वाक्य

वक्ता की इच्छा आशा या आशीर्वाद को व्यक्त करने वाले वाक्य इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण

  • ईश्वर तुम्हें लंबी आयु दे।
  • नववर्ष मंगलमय हो।
  • भगवान करे आपका सब काम हो जाए।

संदेहवाचक वाक्य

जिन वाक्यों में कार्य के होने में संदेह अथवा संभावना का बोध हो, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण-

  • संभवतः वह सुधर जाए।
  • वह शायद आए।
  • शायद मैं बाहर चला जाऊंगा

संकेतवाचक वाक्य

जिन वाक्यों से एक क्रिया के दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इन्हें हेतु वाचक वाक्य भी कहते हैं। इनसे कारण शर्त आदि का बोध होता है।

उदाहरण-

  • यदि छुट्टियां हुई तो हम श्रीनगर अवश्य जाएंगे।
  • वर्षा होती तो फसल अच्छी होती।
  • आप आते तो समस्याएं दूर हो जाती।