पाठ 3: प्रत्यय

प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – प्रति + अय। प्रति का अर्थ होता है ‘साथ में, पर बाद में” और अय का अर्थ होता है “चलने वाला”, अत: प्रत्यय का अर्थ होता है साथ में पर बाद में चलने वाला।

प्रत्यय की परिभाषा

प्रति’ और ‘अय’ दो शब्दों के मेल से प्रत्यय’ शब्द का निर्माण हुआ है। ‘प्रति’ का अर्थ ‘साथ में, पर बाद में होता है । ‘अय’ का अर्थ होता है, ‘चलनेवाला । इस प्रकार प्रत्यय का अर्थ हुआ शब्दों के साथ, पर बाद में चलनेवाला या लगनेवाला शब्दांश |

अतः जो शब्दांश के अंत में जोड़े जाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। जैसे- ‘बड़ा’ शब्द में ‘आई’ प्रत्यय जोड़ कर बड़ाई’ शब्द बनता है।

वे शब्द जो किसी शब्द के अन्त में जोड़े जाते हैं, उन्हें प्रत्यय ( प्रति + अय = बाद में आने वाला) कहते हैं। जैसे- गाड़ी + वान = गाड़ीवान, अपना + पन = अपनापन

प्रत्यय के भेद

संस्कृत के प्रत्यय

हिंदी के प्रत्यय

विदेशी भाषा के प्रत्यय

संस्कृत के प्रत्यय के दो मुख्य भेद हैं

कृत्

तद्धित

कृत्-प्रत्यय

क्रिया अथवा धातु के बाद जो प्रत्यय लगाये जाते हैं, उन्हें कृत्-प्रत्यय कहते हैं। कृत्-प्रत्यय के मेल से बने शब्दों को पीकृदंत कहते हैं।

कृत प्रत्यय के उदाहरण

अक= लेखक, नायक, गायक, पाठक

अक्कड = भुलक्कड, घुमक्कड़, पियक्कड़

आक= तैराक, लडाक

तद्धित प्रत्यय

संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण के अंत में लगनेवाले प्रत्यय को तद्धित’ कहा जाता है। तद्धित प्रत्यय के मेल से बने

शब्द को तद्धितांत कहते हैं।

उदाहरण:

लघु + त= लघुता

बड़ा + आई = बड़ाई

ता = सुंदर + त = सुंदरता

बुढ़ा + प= बुढ़ापा

विदेशज प्रत्यय

 (उर्दू एवं फ़ारसी के प्रत्यय)

विदेशी भाषा से आए हुए प्रत्ययों से निर्मित शब्द

कार – पेश, काश्त

पेशकार, काश्तकार

खाना - डाक, मुर्गी

डाकखाना, मुर्गीखाना

खोर – रिश्वत, चुगल

रिश्वतखोर, चुगलखोर

दान -कलम, पान

कलमदान, पानदान

दार – फल, माल

फलदार, मालदार

आ-  खराब, चश्म

खराबा, चश्मा

आब – गुल, जूल

गुलाब, जुलाब

इन्दा – वसि, चुनि

बसिन्दा, चुनिन्दा

इनके प्रयोग से भाववाचक स्त्रीलिंग शब्द बनते हैं ।

प्रत्यय – मूल शब्द – उदाहरण

ई – रिश्तेदार, दोस्त 

रिश्तेदारी, दोस्ती

बाज- अकड़, नशा

अकड़बाज, नशाबाज

आना – आशिक, मेहनत

आशिकाना, मेहनताना

गर- कार, जिल्द

कारगर, जिल्दगर

उदाहरण

प्रत्यय – मूल क्रिया – उदाहरण

आइन – पण्डित, लाला

पण्डिताइन, ललाइन

आनी – राजपूत, जेठ

राजपूतानी, जेठानी

इन – तेली, दर्जी

तेलिन, दर्जिन

इया – चूहा, बेटा

चुहिया, बिटिया

ई – घोड़ा, नाना

घोड़ी, नानी

नी – शेर, मोर

शेरनी, मोरनी