पाठ 16: नारा लेखन

नारे की परिभाषा

ऐसा वाक्य जो संक्षिप्त हो और सार्थक तथा प्रेरणादायक शब्द हो तो ऐसे शब्दों से बने वाक्य को ही नारा कहते हैं नारा समाज के उत्थान देश के विकास लोगों में उत्साह भरने का कार्य करता है लीI

नारा विभिन्न विषयों से संबंधित , समाज में किसी वस्तु की विशेषता को स्थापित करता है। संक्षिप्त , सार्थक एवं प्रेरणादायक वाक्य ही नारा या स्लोगन कहलाता है।

नारों के प्रकार –

नारे कई प्रकार के होते हैं। जैसे सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक, उत्साहदायक, व्यवसायिक आध्यात्मिक एवं प्रेरकात्मक नारे। अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग उद्देश्य से नारे लिखे जाते हैं। नारों का प्रभाव सकारात्मक व् नकारात्मक दोनों ही तरह से पड़ सकता है। हर क्षेत्र में नारों का अपना अलग ही महत्त्व रहा है।

नारे लेखन का उद्देश्य

नारे लिखने के निम्नलिखित उद्देश्य हो सकते हैं –

किसी विशेष व्यक्ति, संस्था, सामाजिक राजनैतिक या किसी भी अन्य अभियान की ओर लोगों का ध्यान खींचने के लिए।

समाज को एक आदर्श संदेश देना ।

लोगों को किसी कार्य विशेष के लिए प्रेरित करना ।

(iv) सामाजिक अभिव्यक्ति को प्रकट करना ।

लोगों को किसी उद्देश्य के प्रति जागरूक करना ।

जैसे जल ही जीवन है - में पानी को बचाने के लिए लोगो जाग्रत किया गया है।

नारा लेखन का प्रारूप

  • नारा सरल भाषा में होना चाहिए
  • नारा लिखने के लिए प्रेरणादायक शब्दों का ही प्रयोग करना चाहिए, जिससे लोग प्रेरित हों
  • नारा लिखने के लिए ऐसे शब्दों का ही प्रयोग करना चाहिए जो लोगों के मन को आकर्षित करें
  • नारा लेखन में अधिक से अधिक बीस शब्दों का ही प्रयोग करें
  • नारा लेखन में प्रभावशाली शब्दों का ही प्रयोग करें
  • नारा लेखन में शब्दों में लय और तुकांत होना चाहिए ताकि लोगों को लुभा सके
  • नारा लेखन में उचित शब्दों का ही प्रयोग करना चाहिए

नारा लेखन के प्रकार

  • सामाजिक नारा
  • राजनैतिक नारा
  • धार्मिक नारा
  • नैतिक नारा
  • वयव्यसायिक नारा
  • प्रदूषण नारा

नारा लेखन का उद्देश्य

नारा लेखन समाज को एक अच्छा सन्देश देने के लिए लिखा जाता है। नारा लेखन के माध्यम से कुछ प्रेरणा लोगो तक पहुंचाई जाती है। समाज को जागृत करने के लिए नारा लेखन लिखा जाता है।

नारा लेखन के गुण

बुलंद आवाज या फिर तेज आवाज में, अकेले या फिर एक समूह में बोले जाने वाले ऐसे शब्द जो लोगों को प्रभावित करते हैं. नारा लोगों को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार से प्रभावित करता है.

नारा एक ऐसा वाक्य है, जो लोगों को तेजी से याद हो जाता है या लोगों को मन में तेजी से बैठ जाता है नारा एक सरल वाक्य होता है.

नारों का महत्त्व

  • नारों की शक्ति अचूक होती है जो जनमानस के हृदय पर सीधा प्रभाव डालती है।
  • नारों के माध्यम से बहुत कम शब्दों में अपनी बात को जन जन तक पहुंचाया जा सकता हैं।
  • लोकप्रिय नारे समाज में परिवर्तन की क्षमता रखते हैं।
  • नारों का असर बहुत तीव्र व जल्दी होता है।
  • नारे शब्द रूपी वो हथियार है, जो जिस मकसद से लिखे या बोले जाते हैं। उस मकसद को जल्दी पूरा करते हैं।
  • नारे लोगों को प्रेरित करने के लिए जोर जोर से व बार-बार दोहराये जाते है। जिससे लोगों पर इसका असर जल्दी होता हैं।

उदहारण

  • कुछ प्रसिद्ध नारे
  • जय हिन्द – सुभाष चन्द्र बोस
  • करो या मरो – महात्मा गाँधी
  • वन्दे मातरम् – बंकिम चन्द्र चटर्जी
  • इन्कलाब जिंदाबाद – भगत सिंह
  • जय जवान जय किसान – लाल बहादुर शास्त्री
  • स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मै इसे लेकर रहूँगा – बल गंगाधर तिलक
  • तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हे आजादी दूंगा  – सुभाष चन्द्र बोस
  • सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है – रामप्रसाद बिस्मिल
  • आराम हराम है – जवाहरलाल नेहरु