यह सबसे कठिन समय नहीं (कविता)

पाठ 8 यह सबसे कठिन समय नहीं

लेखिका का परिचय - हिन्दी की एक अप्रतिम गद्यकार और कवि। कहानी जगत में इनकी अपनी एक अलग पहचान है। ये हिन्दी साहित्य की युवा पीढ़ी की सशक्त कहानीकार हैं।इनका जन्म १ मई १९५९ में हुआ था इनकी भाषा हिंदी थी  इन्हे चित्तीसगढ़ हिंदी का सम्मान प्राप्त हुआ था।

अलंकार - अलंकार का शाब्दिक अर्थ है आभूषण जिस प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है भारतीय साहित्य में अनुप्रास , उपमा , रूपक , यमक , श्लेष आदि होती है।

कविता का सार -

उपर्युक्त कविता में कवयित्री कहती है कि अभी सबसे कठिन समय नहीं है क्योंकि अभी भी चिड़िया तिनका ले जाकर घोंसला बनाने की तैयारी में है। अभी भी झड़ती हुई  पत्तियों को सँभालने वाला कोई हाथ है अर्थात अभी भी लोग एक दूसरे की मदद के लिए तैयार है। अभी भी अपने गंतव्य तक पहुँचने का इंतजार करने वालों के लिए रेलगाड़ियाँ आती हैं। अभी भी कोई कहता है जल्दी आ जाओ क्योंकि सूरज डूबने वाला है। अभी भी बूढी नानी की सुनाई कथा आज भी कोई सुनाता है कि अंतरिक्ष के पार भी दुनिया है। अतः अभी सबसे कठिन समय नहीं आया है।

कठिन शब्द अर्थ

  • तिनका - छोटा सा घास का टुकड़ा
  • झरती - झड़ती
  • गंतव्य - जहां पहुंचना है
  • अंतरिष्क - आसमान कठिन: मुश्किल
  • तिनका: लकड़ी का छोटा टुकड़ा
  • झरती: गिरना
  • थामने: पकड़ना
  • रेलगाड़ी: ट्रेन
  • गंतव्य: जिस स्थान पर पहुंचना होता है
  • प्रतीक्षा: इंतजार
  • वक्त: समय
  • कथा: कहानी
  • आखिरी: अंतिम
  • हिस्सा: भाग
  • सदियों: पुराने समय से
  • तमाम: बहुत सारे
  • अंतरिक्ष: ब्रह्मांड
  • खबर: समाचार
  • कठिन: मुश्किल

कविता का अर्थ - 

नहीं, यह सबसे कठिन समय नहीं!

अभी भी दबा है चिड़ियाँ की

चोंच में तिनका

और वह उड़ने की तैयारी में है!

अभी भी झरती हुई पत्ती

थामने को बैठा है हाथ एक

अभी भी भीड़ है स्टेशन पर

अभी भी एक रेलगाड़ी जाती है

गंतव्य तक

जहाँ कोई कर रहा होगा प्रतीक्षा

व्याख्या – जया जी के अनुसार चाहे आज चारों ओर अविश्वास फैला है किन्तु अभी भी उनके मन में आशा की एक किरण बची है वह कहती हैं कि यह सबसे बुरा समय नहीं है। अभी चिड़िया अपना घोंसला बनाने के लिए तिनका बटोर रही है। अभी भी पेड़ से टूटकर गिरने वाली पत्ती को थामने वाला एक हाथ बचा हुआ है। अभी भी स्टेशन पर इंतजार करने वाले यात्रियों को अपने सही स्थान पर पहुंचाने के लिए एक ट्रेन आती है।

अभी भी कहता है कोई किसी को

जल्दी आ जाओ कि अब

सूरज डूबने का वक्त हो गया

अभी कहा जाता है

उस कथा का आखिरी हिस्सा

जो बूढ़ी नानी सुना रही सदियों से

दुनिया के तमाम बच्चों को

अभी आती है एक बस

अंतरिक्ष के पार की दुनिया से

लाएगी बचे हुए लोगों की खबर! नहीं, यह सबसे कठिन समय नहीं।

अभी आती है एक बस

व्याख्या – कवयित्री कहती हैं कि जब तक कोई किसी का इंतजार कर रहा है और कह रहा है कि सूरज डूबने का समय हो गया है जल्दी आ जाओ। जब तक बूढी नानी-दादी की सुनाई कहानियाँ सुनाई जाती रहेंगी कि आसमान में भी एक दुनिया बसती है। तब तक सबसे बुरा समय नहीं आ सकता।

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