पाठ 18 संघर्ष के कारण मैं तुकमिज़ाज हो गया :धनराज

साक्षात्कार का अर्थ - साक्षात्कार एक निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए आयोजित विचारों का आदान-प्रदान है। साक्षात्कार चयन का प्रमुख साधन है। साक्षात्कार की तकनीक मे साक्षात्कार लेने वाला तथा आवेदक आमने-सामने बैठकर मौखिक विचार-विमर्श करते है।

एम. एन. बसु, " एक साक्षात्कार को कुछ विषयों को लेकर व्यक्तियों के आमने-सामने का मिलन कहा जा सकता है।

गुडे और हाट के अनुसार, "साक्षात्कार मौलिक रूप से सामाजिक अन्तः क्रिया की एक प्रक्रिया है।

पाठ का सार -

यह पाठ  हॉकी खिलाडी धनराज पिल्लै का पैतीस वर्ष के हो जाने पे विनीता पांडेय द्वारा लिया गया साक्षात्कार है जिसमे उनके बचपन से अभी तक की सभी घटनाओं का वर्णन है।

धनराज जी का बचपन बहुत संघर्षपूर्ण रहा परिवार गरीब था दोंनो भाई हॉकी के खिलाडी थे वे भी खेलना चाहते थे परन्तु उनके पास स्टिक खरीदने के पोसे नहीं थे जब बड़े भाई को भारतीय टीम में चुन लिया गया तब उसने अपने भाई को पुराणी स्टिक दे दी जो इनकी पहली स्टिक बनी पहले वे अपने दोस्तों की स्टिक को उधार लेकर खेलते थे।

सोलह वर्ष की आयु में जब ये दुबले पतले थे इन्हे १९८५ में मणिपुर में जूनियर राष्टीय हॉकी खेलने का अवसर मिला १९८६ में सीनियर टीम में चुन लिया गया ये मुंबई आगये। इसी वर्ष इनने और इनके भाई रमेश ने मुंबई लीग में धूम मचा दी थी १९८८ में नेशनल कैंप के ५७ खिलाड़ियों में न शामिल होने पे उदास थे पर एक साल बाद इन्हे ोलिएवेन  एशियन कप के लिए चुना गया  जिसके बाद ये सदैव आगे बढ़ते रहे धनराज पढ़ाई  में कमज़ोर थे दसवीं तक हे पढ़ पाए वे कहते है भले हे बैचलर ऑफ़ साइंस न हो न आर्ट्स हो पर बैचलर ऑफ़ हॉकी ज़रूर है

विनीता पांडेय ने उनके तुनकमिज़ाज होने का कारन पुछा तो उन्होंने बताया माँ ने उन्हें बड़े संघर्षों से पाल पोसकर बड़ा किया है लोगो के चिढ़ाने पे उन्हें और गुस्सा आ जाता था पर वे भावुक भी थे किसी को कष्ट में नहीं देख सकते थे व माफ़ी मांगने में भी संकोच नहीं करते थे।

उन्होंने बताया की नकली घास को देखकर विज्ञानं की तर्रकी पर अच्चम्भित थे उनकी सबसे पहली कार सेकंड हैंड अरमाडा थी फिर २००० में आइकॉन खरीदे।१९९४ में पुणे के भाउ रोड पर दो बेडरूम का फ्लैट लिया  १९९९ में पवई  में इन्हे भारतीय महाराष्ट्र  सरकार ने फ्लैट दिया उन्हें राष्टपति  जी से मिलके सबसे ख़ास महसूस हुआ।

कठिन शब्द अर्थ

  • कष्टसाध्य - तकलीफ देने वाला
  • हैसियत - औकात
  • धीरज - धैर्य
  • फिस्सडी - बेकार
  • आक्रामक- हमला करने वाला
  • भावुक - कोमल
  • कदर - सम्मान
  • विनम्रता - प्यार से
  • गुर - नियम
  • आर्थिक तंगी - पैसों की कमी