आश्रम का अनुमानित व्यय

पाठ - 19  आश्रम का अनुमानित व्यय

पाठ का सार -यह पाठ मोहनदास करमचंद गाँधी जी द्वारा लिखा गया लेखा जोखा है जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका से लौटकर अहमदाबाद में आश्रम की इस्थापना की उसी के व्यय का लेखा जोखा है । आशाराम में रहने वालो की संख्या ४० से ५० जिनमे अतिथिया ३,४ परिवार हे होंगे।

आश्रम के मकान के लिए ५००० वर्ग ज़मीन की ज़रूरत है आश्रम में रहने वाले कमरों के अलावा तीन रसोईघर और  तीन हज़ार पुस्तकों को रखवाने के लिए पुस्तकालय और अल्मारिया है ।

खेती के लिए पांच एकड़ ज़मीन उसके साथ साथ तीस लोगो के काम करने की खेती , बढ़ई, मोची के औज़ार है इन औज़ारों का कुल खर्च ५० रुपए रसोई के आवश्यक सामान का खर्च १५० रूपए तथा प्रति व्यक्ति मासिक खर्च १० रूपए तय कर दिए गए ।

सामान लाने व मेहमानो को ले जाने के लिए बैलगाड़ी ५० व्यक्तियों का खाने का वार्षिक खर्च ६००० रुपए तय हुआ। वे बोले अगर इससे ऊपर खर्चा आता है तो अहमदाबाद को उठाना चाहिए अगर वो ऐसा न कर पाए तो गाँधी जी इंतज़ाम केर सकते है इस लेखा जोखा में उन्होंने लोहार , राज मिस्त्री , शिक्षण सम्बन्धी खर्च शामिल नहीं किया था।

कठिन शब्द अर्थ

  • औसतन - लगभग
  • सम्भावना - आशा
  • मंदे - चीज़े
  • व्यवस्था - इंतज़ाम
  • बढ़ईगिरी - लकड़ी के काम की कला

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