पाठ 5: अक्षरों का महत्त्व 

पाठ का सार

निबंध शब्द ‘नि+बंध’ से बना है, जिसका अर्थ है अच्छी तरह से बँधा हुआ। इनकी भाषा विषय के अनुकूल होती है। निबंध की शक्ति है अच्छी भाषा। भाषा के अच्छे प्रयोग द्वारा ही भावों विचारों और अनुभवों को प्रभावशाली दंग से व्यक्त किया जा सकता है।

दुनिया में हर चीज़ अक्षरों से बनी है चाहे पुस्तके हो या विचारों का आदान प्रदान पुराने ज़माने के लोग कहते है की अक्षरों की खोज ईश्वर ने की है ,आज के समय के लोग इसे मनुष्य द्वारा खोज मानते है। धरती पांच अरब साल पुरानी है जहां जानवरों व वनस्पतियों का राज्य रहा है पांच लाख साल पहले आदमी जन्मा जिसका वकास धीरे धीरे हुआ पहले उसने गाँव बसाया जहां खेती की ,ताम्बे ,कासे ,पत्थर के औजार बनाये ,चित्र के माध्यम से प्रागेतिहासिक मानव ने भाव व्यक्त किये।

अक्षरों की खोज छह हज़ार साल बाद हुई जिसके साथ नया युग जन्मा ,मानव अपने विचार लिखने लगा सभ्य बना व इतिहास का प्रारम्भ हुआ ,अक्षरों की खोज मानव की सबसे बड़ी खोज है।

पाठ का अर्थ

इस निबंध में अक्षरों की खोज कैसे हुई ,इतिहास व उससे पहले का काल प्रागेतिहासिक है यह सब बताया हुआ है अक्षरों की खोज मानवीकृत है यह आधुनिक मत है इश्वरिये कृत पुराने ज़माने की धारणा है अक्षर हे वह माध्यम है जिससे भावनाओं का आदान प्रदान होता है पहले के मनुष्य चित्र बनाते हुए भाव संकेत देते थे अक्षरों की खोज ही मानव की सबसे बड़ी खोज है।

कठिन शब्द - अर्थ

तादाद - संख्या

मूल - जड़

अनादि  - जिसका आरम्भ  न हो

वनस्पति - पेड़ पौधे

प्रागेतिहासिक - इतिहास से पहले का काल 

कांसा - ताम्बा और पीतल से बना धातु

अस्तित्व - पहचान

घोतक - प्रगट करने वाला

भाव - संकेत

कौम - जाती

सभ्य – शिष्ट