पाठ 11 जो देखकर भी नहीं देखते

लेखक का परिचय - हेलेन एडम्स केलर (27 जून 1880 - 1 जून 1968) एक अमेरिकी लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता और आचार्य थीं। वह कला स्नातक की उपाधि अर्जित करने वाली पहली बधिर और दृष्टिहीन थी। ऐनी सुलेवन के प्रशिक्षण में ६ वर्ष की अवस्था से शुरु हुए ४९ वर्षों के साथ में हेलेन सक्रियता और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँची।

निबंध का सार - इस निबंध में लेखिका  दृष्टिहीन ओर बधिन है उनकी सहेली जंगल से सैर करके आयी है उसने बताया की उसने वह कुछ ख़ास नहीं देखा यह सब सुनने की उसे आदत सी हो गयी लेखिका यह सोच रही थी की कोई इतना सूंदर दृश्य कैसेव नहीं देख पता जबकि लेखिका तो बिन आँखों के सब कुछ देख लेती है ।

वह बहुत सी चीज़ों को छूकर पहचानती है जैसे भोजपत्र बा चीड़ की चिकनी खुरदरी  छाल, वसंत में खिली कालिया , फूल की पंखुरिया मखमली सतह वैसे हे पानी के बीच में से अपनी अंगुली ले जाने से जो आनंद प्राप्त होता है साथ हे बदलते मौसम का भी वो बखूबी आनद लेती है वह सोचती है की मनुष्य के पास दृस्टि होते हुए भी वह कितना कम देख पाता है किना सवेदनशील प्रकर्ति है मनुष्य में तो संवेदना है ही नहीं जबकि यदि इस ख़ूबसूरती को ठीक से महसूस किया जाये तो जीवन में इंद्रा धनुषी रंगों को भरा जा सकता है।

कठिन शब्द अर्थ

परखना - जांचना

अचरज - हैरानी

समा - वातावरण

आस - उम्मीद

नियामत - ईश्वर की देन

कदर - पहचानना