पाठ 9 टिकट - एल्बम

कहानी का अर्थ

" कहानी" शब्द अंग्रेजी के "शार्ट स्टोरी"  का समानार्थी ह। कहानी का शाब्दिक अर्थ है "कहना " इसी रूप में संस्कृत की "कथ " धातु से कथा शब्द बना जिसका अर्थ कहने के लिए ही प्रयुक्त होता ह।  कथ्य एक भाव है जिसे व्यक्त करने के लिए कथाकार अपने मस्तिष्क में एक रूपरेखा बनाता है और उसे एक सांचे में डालकर प्रस्तुत करता है व्ही "कथा " कहलाती है।

प्रारम्भ में कहानी में  व्यक्ति के अनुभव सीधे साधे कहे गए होंगे।  यानी घटना या अनुभव को बाटने की क्रिया ही कहानी  बन गयी होगी।आजकल प्रचलित कहानियाँ मुख्य तीन रूपों में दृष्टिगत होती है जिन्हे कहानी , लघुकथा   एवं लम्बी कथाओं से जाना जाता है।

कहानी का सार

राजप्पा और नागराजन दोनों ही सहपाठी थे दोनों ने सुंदर एल्बम तैयार की थी राजप्पा ने अपनी एल्बम बड़ी मुश्किल से मेहनत से  तैयार की थी जिसकी वजहसे वह किसी को देखने के लिए नहीं देता था लड़कियों के मांगने पैर उसने उसपे कवर चढ़ाके दिया और फिर शाम तक वापिस ले लिया नागराजन के मामा ने सिंगापूर से उसके लिए ऐल्बम भेजी  नागराजन की ऐल्बम राज्जप्पा से अधिक सूंदर थी जिसके कारण सभी बच्चे उसकी ऐल्बम को पूछते भी नहीं थे।

राज्जप्पा उसकी एल्बम से चिढ़ने लगा था उसे नागराजन की ऐल्बम देखने की कभी इच्छा भी नहीं होती थी , अबतो वो टिकट खरीदने भी बाहर नहीं जाता था क्युकी सभी बच्चे उसका मज़ाक उड़ाते थे उसने ठान लिया था की वो अपने फालतू टिकट से नागराजन की टिकट  बदल देगा इसलिए वो उसके घर की और निकल पड़ा घर जाकर वह ऊपर जाकर बैठ गया वहां उसकी  बहन कमाक्षी आईं जिसने बताया की  नागराजन शहर से बाहर गया है उसने भी अपने भाई की ऐल्बम की तारीफ़ की जब कमाक्षी नीचे गयी तो उसने नागराजन की एल्बम चुरा ली अपने घर जाके अलमारी के पीछे छुपा दी।

एक सहपाठी उसके घर आया उसने बताया की नागराजन की एल्बम चोरी होगयी है शायद वो पुलिस कंप्लेंट करे क्युकी उसके पापा डी ऐस पी के दफ्तर में काम करते  है उस रात राज्जप्पा को नींद नहीं आयी।  राज्जप्पा के पापा दफ्तर चले गए तभी दरवाजे पे दस्तक हुई उसे लगा पुलिस है वह डर गया उसने नागराजन की एल्बम अंगीठी में जला दी अभी अम्मा ने आवाज़ दी नागराजन  आया है मिलने, नागराजन बहुत मायूस था राजप्पा ने उसे अपनी एल्बम दे दी नागराजन को ये मज़ाक लगा जैसे ही  वह उसे ले जाने लगा उसकी इच्छा हुई की एक रात बीएस उस एल्बम को वो अपने पास रख ले ।

कहानी का सन्देश

हमे कभी भी दूसरों को देखकर ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए न ही चोरी करनी चाहिए चोरी करना बुरी बात है इससे पछतावे के साथ नुक्सान केवल अपना ही होता है , साथ ही हमे अपनी किसी भी बात पे घमंड भी नहीं करना चाहिए।

कठिन शब्द अर्थ

अगुवा - नेता

पगडण्डी - पैदल चलने  से बना रास्ता 

धुडकी देना - धमकाना

बघारना - होशियारी दिखते हुए बात की चर्चा

खेलना - बुरा लगना