पाठ 9: लघु कथा लेखन

जीवन के किसी एक सूचना को रोचक और संक्षिप्त रूप में वर्णित करना लघु कथा लेखन कहलाता है।

लघु कथा लेखन की परिभाषा

कहानी लिखना एक कला है। हर कहानी-लेखक अपने ढंग से कहानी लिखकर उसमें विशेषता पैदा कर देता है। वह अपनी कल्पना और वर्णन-शक्ति से कहानी के कथानक, पात्र या वातावरण को प्रभावशाली बना देता है। लेखक की भाषा-शैली पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है कि कहानी कितनी अच्छी लिखी गई है।

लघुकथा लेखन लिखने की विधियां

दी गई रूपरेखा अथवा संकेतों के आधार पर ही कहानी का विस्तार करना चाहिए।

कहानी में विभिन्न घटनाओं और प्रसंगों को संतुलित विस्तार देना चाहिए। किसी प्रसंग को न बहुत अधिक संक्षिप्त लिखना चाहिए, न अनावश्यक रूप से बहुत अधिक बढ़ाना चाहिए ।

कहानी में विभिन्न घटनाओं और प्रसंगों को संतुलित विस्तार देना चाहिए। किसी प्रसंग को न बहुत अधिक संक्षिप्त लिखना चाहिए, न अनावश्यक रूप से बहुत अधिक बढ़ाना चाहिए ।

कहानी का आरम्भ आकर्षक होना चाहिए ताकि कहानी पढ़ने वाले का मन उसे पढ़ने में लगा रहे ।

कहानी की भाषा सरल, स्वाभाविक तथा प्रभावशाली होनी चाहिए। उसमें बहुत अधिक कठिन शब्द तथा लम्बे वाक्य नहीं होनी चाहिए ।

कहानी को उपयुक्त एवं आकर्षक शीर्षक देना चाहिए ।

कहानी को प्रभावशाली और रोचक बनाने के लिए मुहावरों व् लोकोक्तियों का प्रयोग भी किया जा सकता है।

कहानी हमेशा भूतकाल में ही लिखी जानी चाहिए ।

कहानी का अंत सहज ढंग से होना चाहिए।

अंत में कहानी से मिलने वाली सीख स्पष्ट व् संक्षिप्त होनी चाहिए।

लघु कथा लेखन की विशेषताएं

कहानी की भाषा सरल एवं सारगर्भित होनी चाहिए। कहानी रोचक होनी चाहिए एवं उसके साथ - साथ कहानी के अंत में उसके  सीख को भी बताना आवश्यक होता है।

उदाहरण

एकता में बल

एक था किसान। उसके चार लड़के थे। पर उन लड़कों में मेल नहीं था। वे आपस में बराबर लड़ते-झगड़ते रहते थे। एक दिन किसान बहुत बीमार पड़ा। जब वह मृत्यु के निकट पहुँच गया, तब उसने अपने चारों लड़कों को बुलाया और मिल-जुलकर रहने की शिक्षा दी।

किन्तु लड़कों पर उसकी बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। तब किसान ने लकड़ियों का गट्ठर माँगवाया और लड़कों को तोड़ने को कहा। किसी से वह गट्ठर न टूटा। फिर, लकड़ियाँ गट्ठर से अलग की गयीं।

किसान ने अपने सभी लड़कों को बारी-बारी से बुलाया और लकड़ियों को अलग-अलग तोड़ने को कहा। सबने आसानी से लकड़ियों को तोड़ दिया। अब लड़कों की आँखें खुलीं । तभी उन्होंने समझा कि आपस में मिल-जुलकर रहने में कितना बल है ।