- Books Name
- Sparsh and Sanchayan Bhag-2
- Publication
- Hindi ki pathshala
- Course
- CBSE Class 10
- Subject
- Hindi
पाठ 2: रचना के आधार पर वाक्य भेद
रचना के अनुसार वाक्य चार प्रकार के होते हैं-
- सरल वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मिश्रित वाक्य
- संमिश्र वाक्य
सरल वाक्य- जिस वाक्य में एक ही उद्देश्य तथा एक ही विधेय हो, उसे सरल या साधारण वाक्य कहते हैं।
जैसे-
(i) अशोक पुस्तक पढ़ता है।
(ii) मोहन खेलता है।
संयुक्त वाक्य - जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य स्वतन्त्र रूप से समुच्चय बोधक अथवा योजक द्वारा मिले हुए हों, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।
जैसे-
(i)अशोक पुस्तक पढ़ता है, परन्तु शीला नहीं पढ़ती ।
(ii)अशोक पुस्तक पढ़ता है और शीला लेख लिख रही है।
ऊपर के दोनों वाक्य संयुक्त वाक्य हैं। पहला वाक्य परन्तु तथा दूसरा और समुच्चय बोधक अव्ययों द्वारा संयुक्त किए गए हैं।
मिश्रित वाक्य- जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्रित वाक्य कहा जाता है।
जैसे-खाने-पीने का मतलब है कि मनुष्य स्वस्थ बने ।
खाने-पीने का मतलब है = स्वतन्त्र या प्रधान उपवाक्य
कि = समुच्चय बोधक या योजक।
मनुष्य स्वस्थ बने = आश्रित उपवाक्य ।
संमिश्र वाक्य – जिस वाक्य में दो मुख्य उपवाक्य हों और एक या अधिक आश्रित वाक्य हों अर्थात् मिश्रित और संयुक्त वाक्य का जहां मिश्रण हो, वहां समिश्र वाक्य होता है।
जैसे- सभ्यता के साथ व्यवहार करो,जिससे सब तुम्हारा सम्मान करें और तुम्हारी उन्नति के लिए शुभ कामना करें।
सभ्यता के साथ व्यवहार करो, जिससे सब तुम्हारा सम्मान करें। =मिश्रित वाक्य
और तुम्हारी उन्नति के लिए शुभ कामना करें।=संयुक्त वाक्य