- Books Name
- Sparsh and Sanchayan Bhag-2
- Publication
- Hindi ki pathshala
- Course
- CBSE Class 10
- Subject
- Hindi
पाठ-3 टोपी शुक्ला
राही मासूम रजा(1925-1992)
लेखक परिचय
राही मासूम रज़ा (१ सितंबर, १९२५ – १५ मार्च १९९२) का जन्म गाजीपुर जिले के गंगौली गांव में हुआ था और प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गंगा किनारे गाजीपुर शहर के एक मुहल्ले में हुई थी। १९६८ से राही बम्बई में रहने लगे थे। वे अपनी साहित्यिक गतिविधियों के साथ-साथ फिल्मों के लिए भी लिखते थे जो उनकी जीविका का प्रश्न बन गया था।
‘टोपी शुक्ला’ कहानी के लेखक राही मासूम रजा’हैं । इस कहानी के माध्यम से लेखक बचपन की बात करता है। बचपन में बच्चे को जहाँ से अपनापन और प्यार मिलता है वह वहीं रहना चाहता है।
प्रस्तुत पाठ में भी लेखक ने दो परिवारों का वर्णन किया है जिसमें से एक हिन्दू और दूसरा मुस्लिम परिवार है। दोनों परिवार समाज के बनाए नियमों के अनुसार एक दूसरे से नफ़रत करते हैं परन्तु दोनों परिवार के दो बच्चों में गहरी दोस्ती हो जाती है। ये दोस्ती दिखती है कि बच्चों की भावनाएँ किसी भेद को नहीं मानती।
आज के समाज के लिए ऐसी ही दोस्ती की आवश्यकता है। जो धर्म के नाम पर खड़ी दीवारों को गिरा सके और समाज का सर्वांगीण विकास कर सके।
शब्दार्थ
- परंपरा– प्रथा
- डेवलपमेंट विकास– अटूट- न टूटने वाला
- वसीयत– लंबी यात्रा पर जाने से पूर्व या मृत्यु के बाद अपनी संपत्ति के प्रबंध
- नमाज़ी– नियमित रूप से नमाज़ पढ़ने वाला
- करबेला- इस्लाम का एक पवित्र स्थान
- सदका- एक टोटका
- चेचक– एक संक्रामक रोग जिसमें बुखार के साथ पूरे शरीर पर दाने निकल आते हैं
- पूरबी- पूरब की तरच की बोली जाने वाली भाषा
- कस्टोडियन- जिस संपत्ति पर किसी का मालिकाना हक न हो
- बीजू पेड़– आम की गुठली से उगाया गया आम का पेड़
- बेशुमार- बहुत सारी
- बाजी– बड़ी बहन
- कचहरी- न्यायालय
- पाक– पवित्र
- मुल्क- देश
- अलबत्ता– बल्कि
- अमावट– पके आम के रस को सुखाकर बनाई मोटी परत
पाठ का सार
‘टोपी शुक्ला’ कहानी राही मासूम रजा द्वारा लिखे उपन्यास का एक अंश है। इस कहानी के माध्यम से लेखक ने बताया है कि बचपन में बच्चे को जहाँ से अपनापन और प्यार मिलता है, वह वहीं रहना चाहता है। टोपी को बचपन में अपनापन अपने परिवार की नौकरानी और अपने मित्र की दादी माँ से मिलता है। वह उन्हीं लोगों के साथ रहना चाहता है।