पाठ 3: साना साना हाथ जोड़ी
मधु कांकरिया (1957)
लेखक परिचय
मधु कांकरिया का जन्म सन् 1957 में कोलकाता में हुआ। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया, साथ ही कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा भी।
उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं-पत्ताखोर (उपन्यास), सलाम आखिरी, खुले गगन के लाल सितारे, बीतते में ईशु (कहानी-संग्रह)। उन्होंने कई सुंदर यात्रा-वृत्तांत भी हुए, अंत लिखे हैं। मधु कांकरिया की रचनाओं में विचार और संवेदना की नवीनता मिलती है। समाज में व्याप्त अनेक ज्वलंत समस्याएँ जैसे-अप संस्कृति, महानगर की घुटन और असुरक्षा के बीच युवाओं में बढ़ती नशे की आदत, लालबत्ती इलाकों की पीड़ा आदि उनकी रचनाओं के विषय रहे हैं।
पाठ -प्रवेश
महानगरों की भाव-शून्यता, भागमभाग और यंत्रवत जीवन की ऊब मधु जी को दूर-दूर की यात्राओं की ओर ले जाती है और उन्हीं यात्राओं के अनुभवों को उन्होंने अपने यात्रा-वृत्तांतों में शब्दबद्ध किया है। साना-साना हाथ जोड़ि... में पूर्वोत्तर भारत के सिक्किम राज्य की राजधानी गंतोक और उसके आगे हिमालय की यात्रा का वर्णन है। हिमालय के अनंत सौंदर्य का ऐसा अद्भुत और काव्यात्मक वर्णन लेखिका ने किया है कि मानो हिमालय का पल-पल परिवर्तित सौंदर्य हम स्वयं अपनी आँखों से निहार रहे हों। महिला यायावरी की विशिष्टता भी इस यात्रा-वृत्तांत में देखी जा सकती है।
लेखिका हिमालय के सौंदर्य पर मुग्ध ही नहीं होती, वहाँ के निवासियों की मेहनत, अभाव और गरीबी को भी रेखांकित करती है। साथ ही यह बताना भी नहीं भूलती कि हिमालय तक पहुँचने के लिए बनाए जाने वाले रास्तों के निर्माण में लोग अपनी जान गँवा चुके हैं। इस पाठ में पीड़ा और सौंदर्य का अद्भुत मेल है तथा इसे पढ़कर अकेलेपन और करुणा के भाव जाग्रत होते हैं तथा सृष्टि की समग्रता का अहसास होता है।
यात्राओं से मनोरंजन, ज्ञानवर्धन एवं अज्ञात स्थलों की जानकारी के साथ-साथ भाषा और संस्कृति का आदान-प्रदान भी होता है। इतना ही नहीं घुमक्कड़ी हमें अपने ‘स्व’ की संकीर्णता से भी मुक्त करती है।
शब्दार्थ
- अतीद्रिंयता-इंद्रियों से परे
- उजास-प्रकाश
- रकम-रकम- तरह-तरह के
- रफ्ता- रफ्ता- धीरे धीरे
- शिद्दत- प्रवक्ता
- मुंडकी- सिर
- अभिशप्त- शापित
- सरहद- सीमा
- तामसिकताएं-कुटिल, तमोगुण से युक्त
- सयानी- समझदार
- वजूद-अस्तित्व
- रिपेइंग-कम लेना और ज्यादा देना
- बर्बीला- बढ़े हुए पेट वाला
- हलाहल- विष, ज़हर
- संक्रमण- मिलन, संयोग
- लेवल-स्तर
- गुडुप-निगल लिया
- टूरिस्ट स्पॉट- भ्रमण स्थल