पाठ 3: पद परिचय

पद परिचय की परिभाषा- जब शब्दों का प्रयोग वाक्य में किया जाता है, तो वे पद कहलाते हैं, इन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय देना पद परिचय कहलाता है।

पद परिचय के प्रकार:

प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-

  • संज्ञा
  • सर्वनाम
  • विशेषण
  • क्रिया
  • क्रिया विशेषण
  • संबंधबोधक
  • समुच्चयबोधक
  • विस्मयादिबोधक

संज्ञा का पद परिचय- वाक्य में आए संज्ञा पदों के भेद, लिंग,वचन,कारक, काल और क्रिया के साथ संबंध बताना आवश्यक होता है।

जैसे-राम ने रावण को बाणों से मारा।

राम-व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक

बाणों -जातिवाचक संज्ञा, भपुल्लिंग, बहुवचन, करण कारक

रावण-व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक

सर्वनाम पद का परिचय- वाक्य में आए सर्वनाम पदों के भेद, लिंग,वचन,कारक, काल और क्रिया के साथ संबंध बताना आवश्यक होता है।

जैसे- जिसे आप लोगों ने बुलाया है, उसे अपने घर जाने दीजिए।

इस वाक्य में ‘जिसे’, ‘आप लोगों ने’, ‘उसे’ और ‘अपने’ पद सर्वनाम हैं। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा।

जिसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।

आप लोगों ने : पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष,पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक।

उसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।

अपने : निजवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग,एकवचन, संबंध कारक।

विशेषण का पद परिचय- विशेषण का पद परिचय करते समय विशेषण के भेद, अवस्था, लिंग, वचन और विशेष्य व उसके साथ संबंध आदि को बताना होता है। विशेषण का लिंग,उसका वचन, विशेष्य के अनुसार होता है।

जैसे- ये तीन किताबें बहुत बहुमूल्य हैं। उपर्युक्त वाक्य में ‘तीन’ ‘ बहुत’ और ‘बहुमूल्य’ विशेषण हैं। इन दोनों विशेषणों का पद परिचय निम्नलिखित है:-

तीन : संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, इस विशेषण का विशेष्य ‘किताब’ हैं।

बहुत : संख्यावाचक,स्त्रीलिंग, बहुवचन।

बहुमूल्य : गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन

क्रिया का पद परिचय- क्रिया का पद परिचय करते समय क्रिया का प्रकार, वाच्य, काल, लिंग, वचन, पुरुष, और क्रिया से संबंधित शब्द को लिखना पड़ता है।

जैसे- राम ने रावण को मारा।

मारा- क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल । ‘मारा’ क्रिया का कर्ता राम तथा कर्म रावण।

क्रिया विशेषण का पद परिचय- क्रिया विशेषण का पद परिचय  करते समय,क्रियाविशेषण का प्रकार और उस क्रिया पद का उल्लेख करना होता है, जिस क्रियापद की विशेषता प्रकट करने के लिए क्रिया विशेषण का प्रयोग हुआ है।

जैसे- लड़की उछल कूद कर रही हैं। इस वाक्य में ‘उछल कूद’ क्रियाविशेषण है।

उछल कूद  : रीतिवाचक क्रियाविशेषण है जबकि  ‘कर रही है’ क्रिया की विशेषता बतलाता है।

संबंधबोधक का पदपरिचय:- संबंधबोधक का पद परिचय करते समय संबंधबोधक का भेद और किस संज्ञा या सर्वनाम से संबंधित शब्द को लिखना पड़ता है।

 जैसे- कुर्सी के नीचे बिल्ली बैठी है।

उपर्युक्त वाक्य में ‘के नीचे’ संबंधबोधक है। ‘कुरसी’ और ‘बिल्ली’ इसके संबंधी शब्द हैं।

समुच्चयबोधक का पदपरिचय:-  मुच्चयबोधक का करते समय समुच्चयबोधक का भेद और समुच्चयबोधक से संबंधित योजित शब्द को लिखना पड़ता है।

जैसे – दिल्ली अथवा कोटा में पढ़ना ठीक है।

इस वाक्य में ‘अथवा’ समुच्चयबोधक शब्द है।  अथवा : विभाजक

अव्यय का पद परिचय- अव्यय का पद परिचय करने के लिए वाक्य में प्रयुक्त अव्यय का भेद और उससे संबंधित पद को लिखना होता है।

जैसे-  वे प्रतिदिन जाते हैं।

वाक्य में ‘प्रतिदिन’ अव्यय है।

प्रतिदिन : कालवाचक अव्यय, यहां ‘जाना’ क्रिया के काल बताता  है, इसलिए जाना क्रिया का विशेषण है।